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Showing posts from November, 2022

04-CGLRC-RBC राजस्व न्यायालय का प्रस्तुतकार

राजस्व पुस्तक परिपत्र (RBC) खंड 2 क्रमांक 1 की कंडिका 22: राजस्व न्यायालय का प्रस्तुतकार ये पंजियाँ रखेगा: 1, राजस्व मामलों की पंजी 2, अपील/रिवीजन/रिव्यू की पंजी 3, जुर्माना पंजी 4, आदेशिका पंजी 5, कैश रिसिप्ट पंजी 6, अभिलेख पासबुक 7, राजस्व अभिलेख निरीक्षण पंजी 8, निपटे अभिलेख को रिकॉर्ड रूम भेजने हेतु रसीद बुक 9, कैशबुक *कैश=रकम=रोकड़ *बुक=बही=पुस्तक *पंजी=रजिस्टर *अभिलेख=रिकॉर्ड * प्रस्तुतकार=वाचक/रीडर=बड़ेबाबू/लिपिक *राजस्व न्यायालय= तहसीलदार/अनुविभागीयअधिकारी/कलेक्टर/संभागायुक्त के कोर्ट (अतिरिक्त/नायब/अपर/संयुक्त/सहायक भी). Epilogue: सरल करने की कोशिश है, सजेसन्स आर वेलकम।

विविध 03, जाति_प्रमाणपत्र

छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (सामाजिक प्रास्थिति के प्रमाणीकरण का विनियमन) अधिनियम, 2013 धारा 1 कानून का नाम धारा 2 परिभाषाएं धारा 3 आवेदन किया जाना धारा 4 सक्षम प्राधिकारी आवेदन निरस्त करेगा या प्रमाण पत्र जारी करेगा धारा 5 सक्षम प्राधिकारी के आदेश की 1 महीने के भीतर अपील होगी और अपीलीय प्राधिकारी 3 महीने के भीतर आदेश देगा धारा 6 जारी प्रमाण पत्रों का सत्यापन जिला स्तरीय प्रमाणपत्र सत्यापन समिति करेगी और गलत पाए जाने पर उच्च स्तरीय प्रमाणपत्र छानबीन समिति को केस भेजेगी धारा 7 उच्च स्तरीय प्रमाणपत्र छानबीन समिति जांच करेगी धारा 8 जांच पश्चात त्रुटिपूर्ण या कपटपूर्ण जारी प्रमाणपत्र को निरस्त किया जाएगा धारा 9 निरस्त प्रमाण पत्र से अर्जित नियुक्ति/सम्मान/पद/उपचार समाप्त किया जाएगा एवं वित्तीय लाभ वापस वसूला जाएगा धारा 10 अवैध हितग्राही 3 माह से 2 साल के कारावास और ₹ 2,000 से ₹ 20,000 के जुर्माने के दंड का पात्र होगा धारा 11 अपराध संज्ञेय और अजमानतीय होगा धारा 12 निरस्त जाति प्रमाणपत्र को साशय जारी करने वाला बराबर के दंड का पात्र होगा धारा...

विविध - 01, व्यस्कता

#अठारह सिर्फ 03 धाराओं वाले इस छोटे से #कानून को कृपया पढ़कर उत्तर दें। भारतीय व्यस्कता #अधिनियम 1875 धारा 1: कानून का नाम, विस्तार और प्रारंभ धारा 2: कानून का निष्प्रभाव धारा 3: (1) भारतीय निवासी 18 वर्ष की आयु पूरी करने पर व्यस्क होगा। (2) जन्म वाले दिन को पूरा दिन गिना जाएगा अर्थात 18वीं जन्मदिन के पहले ही क्षण वह व्यस्क हो जाएगा। प्रश्न: यदि "Mr U" का जन्म 29 फरवरी 2004 की शाम 5 बजे हुआ है, तो 2022 के किस क्षण वह व्यस्कता प्राप्त करेगा? A, 28 फरवरी के पहले क्षण B, 28 फरवरी के शाम 5 बजे C, 01 मार्च के पहले क्षण D, 01 मार्च के शाम 5 बजे E, अन्य

03-CGLRC - 01 राजस्व अधिकारी

छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता, 1959 अध्याय 3: राजस्व अधिकारी, उनके वर्ग तथा उनकी शक्तियां धारा 11 से धारा 26. धारा 11:  राजस्व पदाधिकारी राजस्व  पदाधिकारियों के निम्नलिखित वर्ग होंगे,  अर्थात आयुक्त भू-अभिलेख  अपर आयुक्त भू-अभिलेख  आयुक्त  अपर आयुक्त  कलेक्टर एवं जिला सर्वेक्षण अधिकारी अपर कलेक्टर उपखंड अधिकारी / अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं उप सर्वेक्षण अधिकारी सहायक कलेक्टर  संयुक्त कलेक्टर  डिप्टी कलेक्टर  तहसीलदार एवं सहायक सर्वेक्षण अधिकारी  अपर तहसीलदार अतिरिक्त तहसीलदार  भू-अभिलेख अधीक्षक; नायब तहसीलदार; सहायक भू-अभिलेख अधीक्षक।  धारा 12 राजस्व अधिकारियों पर नियंत्रण - (1) समस्त राजस्व अधिकारी राज्य सरकार के अधीनस्थ होंगे धारा 24(1): राज्य सरकार वे शक्तियां, जो इस संहिता द्वारा या इस संहिता के अधीन किसी राजस्व अधिकारी को प्रदत्त की गई हैं, किसी व्यक्ति को प्रदत्त कर सकेगी।

01-CGLRC - 01 नाम और प्रभाव

 छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता, 1959 अध्याय 1: प्रारंभिक (धारा 1 से धारा 2) धारा 1  संक्षिप्त नाम, विस्तार तथा प्रारंभ (1) इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता, 1959 है (2) इसका विस्तार संपूर्ण छत्तीसगढ़ पर है  किंतु इस संहिता में अंतर्विष्ट कोई भी बात भू-राजस्व के भुगतान के लिए भूमि के दायित्व, भूमि के उपयोग के प्रति निर्देश से भू-राजस्व के निर्धारण, भू-राजस्व की उगाही से संबंधित उपबंधों को और उनसे आनुषंगिक समस्त उपबंधों को छोड़कर, ऐसे क्षेत्रों को लागू नहीं होगी जिन्हें भारतीय वन अधिनियम, 1927 (1927 का सं 16) के अधीन समय-समय पर आरक्षित या संरक्षित वनों के रूप में गठित किया जाए, परंतु इस संहिता के पूर्वोक्त उपबंध ऐसे क्षेत्रों में, धारा 59 में विनिर्दिष्ट प्रयोजनों में से एक या अधिक प्रयोजनों के लिए भूमि के उपयोग के प्रति निर्देश से लागू होंगे. (3) यह संहिता ऐसी तारीख को प्रेरित होगी, जिसे राज्य सरकार, अधिसूचना द्वारा नियत करे.  अर्थात, किसी भी अन्य कानून की तरह इस संहिता की पहली धारा में इसका नाम बताया गया है.  बताया गया है कि यह कानून पूरे छत्त...