01-CGLRC - 01 नाम और प्रभाव

 छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता, 1959

अध्याय 1: प्रारंभिक
(धारा 1 से धारा 2)

धारा 1  संक्षिप्त नाम, विस्तार तथा प्रारंभ
(1) इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता, 1959 है
(2) इसका विस्तार संपूर्ण छत्तीसगढ़ पर है 
किंतु इस संहिता में अंतर्विष्ट कोई भी बात भू-राजस्व के भुगतान के लिए भूमि के दायित्व, भूमि के उपयोग के प्रति निर्देश से भू-राजस्व के निर्धारण, भू-राजस्व की उगाही से संबंधित उपबंधों को और उनसे आनुषंगिक समस्त उपबंधों को छोड़कर, ऐसे क्षेत्रों को लागू नहीं होगी जिन्हें भारतीय वन अधिनियम, 1927 (1927 का सं 16) के अधीन समय-समय पर आरक्षित या संरक्षित वनों के रूप में गठित किया जाए,
परंतु इस संहिता के पूर्वोक्त उपबंध ऐसे क्षेत्रों में, धारा 59 में विनिर्दिष्ट प्रयोजनों में से एक या अधिक प्रयोजनों के लिए भूमि के उपयोग के प्रति निर्देश से लागू होंगे.
(3) यह संहिता ऐसी तारीख को प्रेरित होगी, जिसे राज्य सरकार, अधिसूचना द्वारा नियत करे.

 अर्थात,
किसी भी अन्य कानून की तरह इस संहिता की पहली धारा में इसका नाम बताया गया है.
 बताया गया है कि यह कानून पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में लागू होगी,
 परंतु वन विभाग की जमीन पर  यह कानून लागू नहीं होगा परंतु वहां भी जमीन पर वनों के संरक्षण  के अलावा किसी अन्य कार्य करने पर  संहिता का अध्याय 6, 7, 8 और 11  के अधीन भू-राजस्व लिया जाएगा.
 राज्य सरकार ने अधिसूचना द्वारा 2 अक्टूबर, 1959 से इस संहिता को लागू माना है.

 विशेष-  संहिता की आखरी धारा 264 में केंद्र सरकार  से भूमि पाने वाले व्यक्ति पर भी संहिता के लागू नहीं होने का प्रावधान है. 

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