19-CGLRC - 01. प्रतिलिपि

नकल या प्रतिलिपि
यानि...  जनता का कागज जनता को देना.
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा :)

छ.ग. भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 256: 
समस्त राजस्व अभिलेख, नक्शे तथा भू अभिलेख जनता के निरीक्षण के लिए खुले रहेंगे और उनकी प्रमाणित प्रतिलिपि उन सभी को मिलेगी, जो आवेदन करे।
अर्थात राजू के जमीन के रिकार्ड श्याम भी ले सकता है और बाबूभाई भी देख सकता है। (इस वाक्य का आनंद लेने के लिए फिल्म हेराफेरी याद करें.)

छत्तीसगढ़ राजस्व अभिलेख नियम, 1959
1. नाम
2. परिभाषा
3. सभी अभिलेख देखे जा सकते हैं, जब तक कोई लिखित में मना न करे।
4. कार्यालय में पड़ी फाइल उसके पक्षकार और वकील के द्वारा मुफ्त में देखी जा सकती है। किसी अन्य व्यक्ति के लिए शुल्क लगेगा।
8. निरीक्षण शुल्क पहले घंटे का ₹10 और उसके बाद ₹5 प्रति घंटा लगेगा।
22. 360 शब्द तक के नकल के लिए ₹10 लगेगा। (हालांकि अब नकल लिख कर नहीं बल्कि फोटोकॉपी करके दी जाती है).
32. नकल शाखा में यह पंजियां रखी जाएंगी- आवेदन पंजी, लेखा पुस्तक, विवरणात्मक लेखा पुस्तक, दुहरे पत्रों वाली पावती पुस्तक, कोषालय जमा पुस्तिका क और ख, अव्यय अग्रिमों की सूची, डाक पुस्तिका।
56. कंप्यूटरीकृत नकल के पहले पेज के लिए ₹15 और उसके बाद ₹7 प्रति पेज लगेगा।
यानि n पेज की काॅपी के लिए 15 + 7(n-1) रूपये लगेंगे.

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